दिल्ली प्रभाग दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जुड़े निश्चित मुद्दों से संबंधित नीतिगत मामलों को देखता है, जैसे कि:
दिल्ली मुख्य योजना (एमपीडी) और दिल्ली क्षेत्र विकास योजना (जेडडीपी)
भूमि अधिग्रहण और विकास के वैकल्पिक प्रारूप जैसे कि लैड पूलिंग एवं परिवहन उन्मुखी विकास (टीओडी)
भूमि के निश्चित मूल्यों का निर्धारण
लुटियंस बंगला क्षेत्र (एलबीजेड)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सीमा
दिल्ली के लिए नगर विकास कोष (यूडीएफ)
विभिन्न विधान
सांविधिक स्वायत्त निकाय (दि.वि.प्रा., डीयूएसी और एनसीआरपीवी)
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का विनियमन
कार्य का डेस्क-वार आवंटन और दिल्ली प्रभाग का प्रस्तुति तंत्र यहां देखा जा सकता है। दिल्ली प्रभाग के अधिकारियों के संपर्क सूत्र यहां उपलब्ध हैं।
दिल्ली प्रभाग में देखे जाने वाले विधान, जो लागू है
सांविधिक स्वायत्त निकायों से संबंधित विधान
दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 (1957 का संख्या 61)
दिल्ली नगर कला आयोग अधिनियम, 1973 (1974 का सं.1)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम, 1985 (1985 का सं.2)
किराया नियंत्रण और अपार्टमेंट स्वामित्व से संबंधित विधान
दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम, 1958 (1958 का सं. 59)
दिल्ली अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम, 1986 (1986 का सं. 58)
इनके लिए नीति बनाने तक अनधिकृत निर्माणों/विकासों के निश्चित रूपों को देखने के लिए विशेष प्रावधानों हेतु विधान
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली नियम (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 (2011 का सं. 20)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली नियम (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) अधिनियम, 2014 (2014 का सं. 39)
इन अधिनियमों के अंतर्गत जारी अधीनस्थ विधान, निरसित अधिनियम, संशोधन अधिनियम और अन्य अधिसूचनाएं यहां सूचीबद्ध है।
भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत दिल्ली के संबंध में अधिसूचनाएं
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के लिए भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत समुचित सरकार शहरी विकास मंत्रालय है। रा.रा.क्षेत्र, दिल्ली के संबंध में मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित नियम एवं अधिसूचनाएं जारी की गई हैं:
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली भू-संपदा (विनियमन और विकास) (सामान्य) नियम, 2016 (दिनांक 24 नवंबर, 2016 के जी.एस.आर. 1085 (ड.) के तहत अधिसूचित)।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली भू-संपदा (विनियमन और विकास) (बिक्री करार) नियम, 2016 (पृष्ठ- पर दिनांक 24 नवंबर, 2016 के जीएसआर 1086 (ड.) के तहत अधिसूचित)।
दिल्ली में नियमित तीन सदस्यीय नियामक प्राधिकरण के गठन तक इस अधिनियम के अंतर्गत दिल्ली के लिए अंतरिम नियामक प्राधिकारी के रूप में उपाध्यक्ष, दि.वि.प्रा. का पद।
दिल्ली मुख्य योजना और दिल्ली के लिए क्षेत्र विकास योजना
प्रथम दिल्ली मुख्य योजना (एमपीडी) वर्ष 1981 के परिप्रेक्ष्य में 1 सितंबर, 1962 में अधिसूचित की गई थी। इसके पश्चात 1 अगस्त, 1990 को एमपीडी-2001 (वर्ष 2001 के परिप्रेक्ष्य में) की अधिसूचना जारी की गई।
दिल्ली को वैश्विक वृहद नगर और विश्व स्तरीय शहर, जहां सूस्थिर पर्यावरण में रहते हुए बेहतर गुणवत्ता पूर्ण जीवन के साथ उत्पादक कार्य में सभी लोग संलग्न हैं, बनाने के लिए वर्ष 2021 के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली मुख्य योजना-2021 (एमपीडी-2021) दिनांक 07 फरवरी 2007 के सांविधिक आदेश 141 (ड.) के तहत अधिसूचित की गई थी। एपपीडी-2021 वर्तमान में लागू है।
दिल्ली में लैंडपूलिंग नीति दिनांक 05 सितंबर, 2013 के सा.आ. 2687 (ड.) के तहत भू-नीति पर एक अध्याय जोड़ते हुए एमपीडी-2021 में संशोधन के रूप में अधिसूचित की गई थी। दिल्ली में परिवहनोन्मुखी विकास के लिए विकास नियंत्रण मानकों को दिनांक 14 जुलाई, 2013 के सा.आ. 1914 (ड.) के तहत एमपीडी-2021 में परिवहन पर अध्याय के पुनरावलोकन के भाग के रूप में अधिसूचित किया गया था।
भूमि उपयोग के प्रयोग परिवर्तन सहित एमपीडी-2021 में हाल ही के संशोधन ई-राजपत्र वेबसाइट के होम पेज पर ‘’दिल्ली मुख्य योजना’’ के माध्यम से उपलब्ध है। एमपीडी-2021, अनुवर्ती संसोधन को शामिल करने के पश्चात अद्यतन और क्षेत्रीय विकास योजनाएं दिल्ली विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
नगर विकास कोष
वर्ष 1992 में एकबारगी परिवर्तन प्रभारों के भुगतान पर दिल्ली में पट्टा-आधारित परिसंपत्तियों को पूर्ण स्वामित्व वाली संपत्तियों में बदलने का निर्णय लिया गया। इन संग्रहित परिवर्तन प्रभारों को एक पृथक कोष नामत: दिल्ली नगर विकास कोष (यूडीएफ) में रखा जाना था। जिसका उपयोग दिल्ली के आवास और शहरी विकास के लिए किया जाना था।
वर्ष 1999 में शहरी विकास मंत्रालय ने यूडीएफ के प्रचालन और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस मंत्रालय ने 14 मार्च, 2016 के अपने पत्र के तहत वर्तमान दिशा-निर्देशों को नगर-विकास कोष (यूडीएफ) प्रचालन और प्रबंधन दिशानिर्देश-2016 के साथ प्रतिस्थापित कर दिया था।
जुलाई, 2016 में दिल्ली में भीड़-भाड़ रहित यातायात के लिए यूडएफ से पांच (5) परियोजनाओं के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने 643.58 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं।
दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 की धारा 41 (1) के अंतर्गत डीडीए को जारी निर्देश
केन्द्र सरकार ने दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 की धारा 41 (1) के अंतर्गत उसे प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में वर्ष 2016 में डीडीए को निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं:
डीएमआरसी को डीडीए द्वारा आवंटित भूमि के लिए डीएमआरसी से 1 रू0 प्रति वर्ष का नाममात्र किराया लगाकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा संपत्ति विकास सुविधा देने के लिए (दिनांक 9 जून, 2016 के सा.आ. 2023 (ड.) के तहत अधिसूचित) निदेश; दिनांक 10.11.2009 के एलएंडडीओ पत्र सं.-एल ।।-11 (1786)/08/608 के अनुसार संपत्ति विकास करने के लिए प्रावधानों को शामिल करने के लिए डीएमआरसी को जारी अपने सभी पूर्ववर्ती आवंटन पत्रों में संशोधन कर रहा है, और डीएमआरसी को सभी भावी आवंटन पत्रों में समान प्रावधान शामिल हैं।
निदेश, (दिनांक 19 अप्रैल, 2016 के सा.आ. 1437 (ड.) के तहत अधिसूचित), प्रदर्शनी सह-सम्मेलन केन्द्र के सृजन के लिए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग को सेक्टर-25, द्वारका, नई दिल्ली में 89.72 हेक्टेयर के आकार की भूमि के अंतरण हेतु।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सीमा
वर्तमान में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली का समग्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा के 13 जिले (फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल, मेवात, रेवाड़ी, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, महेन्द्रगढ़, भिवानी, जींद और करनाल), राजस्थान के दो जिले (अलवर और भरतपुर) तथा उत्तर प्रदेश के 7 जिले (मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर) आते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का क्षेत्रफल लगभग 53,817 वर्ग कि.मी. है।
एनसीआरपीबी अधिनियम, 1985 की धारा 2 (च) के अनुसार, केन्द्र सरकार संबंधित भागीदार राज्य की सरकार की सहमति से तथा बोर्ड के साथ परामर्श कर, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना कर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसी क्षेत्र को जोड़ सकती है अथवा उसमें से किसी को हटा सकती है। एनसीआरपीबी अधिनियम की धारा 2 (च) के अंतर्गत अधिसूचनाएं इस प्रकार हैं:
अधिसूचना सं. सा.आ. 3182 (ड.) दिनांक 24 नवंबर, 2015 (जींद और करनाल जोड़े गए; और उ.प्र. के सभी 7 जिले सूचीबद्ध)
अधिसूचना सं. सा.आ., 2979 (ड.) दिनांक 1 अक्टूबर, 2013 (हरियाणा के 11 जिले और राजस्थान के दोनों जिले सूचीबद्ध)
अधिसूचना सं. सा.आ. के-11019/4/2004-डीडी-।। दिनांक 23 अगस्त, 2004 (राजस्थान के अलवर जिले के संबंध में संशोधन)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड का गठन
एनसीआरपीबी नियम, 1985 के नियम 3 और 4 के साथ पठित एनसीआरपीबी अधिनियम, 1985 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर, केन्द्र सरकार ने बोर्ड के पुनर्गठन के संबंध में निम्नलिखित अधिसूचनाएं जारी की है:
दिनांक 14 फरवरी, 2014 के सा.आ. 401 (ड.) के तहत एनसीआरपीबी का पुनर्गठन
दिनांक 17 जनवरी, 2014 के सा.आ. 121 (ड.) के तहत एनसीआरपीबी में नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री, हरियाणा सरकार के स्थान पर प्रधान सचिव, नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन हरियाणा सरकार का नामांकन।
दिनांक 11 अक्टूबर, 2013 के सा.आ. 3095 (ड.) के तहत एनसीआरपीबी का पुनर्गठन
दिनांक 18 जून, 2009 के सा.आ. 1508 (ड.) के तहत एनसीआरपीबी का पुनर्गठन
विरासत संरक्षण समिति (एचसीसी) का गठन
दिल्ली भवन उप-नियम, 1983 के उप-नियम 23.16 तथा उप नियम 7.26 दिल्ली के लिए एकीकृत भवन उप नियम, 2016 के अनुलग्नक-।। के पैरा 1.15 के अंतर्गत गठित धरोहर संरक्षण समिति धरोहर स्थलों की अनुपूरक सूची तैयार करती है; उप-नियम में अपेक्षित छूट, संशोधन, यदि कोई हो, के लिए स्थानीय निकायों को सलाह देती है; धरोहर स्थलों के संरक्षण के प्रयोजनार्थ अपनाएं जाने वाले दिशा-निर्देशों की अनुशंसा करता है इत्यादि। एचसीपी के गठन पर केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाएं इस प्रकार हैं:
दिनांक 15 सितम्बर, 2016 के सा.आ. 2953 (ड.) के तहत एचसीसी का गठन
दिनांक 14 अगस्त, 2013 के सा.आ. 2524 (ड.) के तहत एचसीसी का गठन
दिनांक 11 अगस्त, 2010 के सा.आ. 1978 (ड.) के तहत एचसीसी का गठन
दिनांक 20 नवम्बर, 2007 के सा.आ. 1964 (ड.) के तहत एचसीसी का गठन
दिनांक 1 अगस्त, 2005 के सा.आ. 1085 (ड.) के तहत एचसीसी में अतिरिक्त सदस्यों की नियुक्ति
दिनांक 6 जनवरी, 2005 के सा.आ. 31 (ड.) के तहत एचसीसी के लिए संरक्षण वास्तुकला, पर्यावरण तथा प्राकृतिक इतिहास के क्षेत्र से सदस्यों का नामांकन
दिनांक 6 अगस्त, 2004 के सा.आ. 904 (ड.) के तहत एचसीसी का गठन।
दिल्ली नगर कला आयोग (डीयूएसी) के अंशकालिक सदस्यों की नियुक्ति
केन्द्र सरकार, दिल्ली नगर कला आयोग अधिनियम, 1973 (1974 का 1) की धारा 4 और 5 द्वारा इसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिल्ली नगर कला आयोग (डीयूएसी) के अंशकालिक अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त करती है। इस मामले पर मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचनाएं निम्नवत है:
दिनांक 09 अक्टूबर, 2014 की अधिसूचना के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (प्रोफेसर पीएसएन राव) और सदस्यों की नियुक्ति
दिनांक 03 सितम्बर, 2014 के सांविधिक आदेश सं0 2313 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (श्री राज रेवाल) और सदस्यों की कार्य अवधि में और 3 महीने का विस्तार
दिनांक 03 जून, 2014 के सांविधिक आदेश सं0 1435 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (श्री राज रेवाल) और सदस्यों की कार्य अवधि में और 3 महीने का विस्तार
दिनांक 3 जून, 2011 के सांविधिक आदेश सं. 1316 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (श्री राज रेवाल) और सदस्यों की नियुक्ति
दिनांक 30 मई, 2008 के सांविधिक आदेश सं0 1272 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (प्रोफेसर के0टी0 रविन्द्रन) और सदस्यों की नियुक्ति
01 अप्रैल, 2005 के सांविधिक आदेश सं0 488 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (श्री चार्ल्स कोरीए) और सदस्यों की नियुक्ति
दिनांक 24 जनवरी, 2000 के सांविधिक आदेश सं0 63 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (डा0 जेपी सिहं) और सदस्यों की पुन: नियुक्ति
दिनांक 29 दिसंबर 1999 के सांविधिक आदेश सं0 1308 (ई) के अंशकालिक अध्यक्ष (डा0 जे0पी0 सिहं) और सदस्यों की नियुक्ति की कार्य अवधि का विस्तार
दिनांक 11 दिसंबर, 1996 के सांविधिक आदेश सं0 846 (ई) के द्वारा अंशकालिक अध्यक्ष (डॉ0 जे0पी0 सिहं) और सदस्यों की नियुक्ति
मंत्रालय द्वारा अधिसूचित भूमि दरें
शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (विकसित नजुल भूमि का निपटान) नियम 1981 के नियम 2(1) के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विभिन्न उपयोगों/अवस्थितियों के लिए वसूली करने योग्य प्रीमियम की पूर्व निर्धारित दरों पर निम्नलिखित अधिसूचनाएं जारी की:-
रोहिणी, नरेला और टीकरी कंला के लिए वर्ष 2013-14 और 2014-15 के लिए पूर्ण-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 49 दिनांक 26 फरवरी, 2015 के तहत अधिसूचित)
नरेला और द्वारका के लिए वर्ष 1998-99 के लिए पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 511 (अ) दिनांक 2 जुलाई, 1999 के तहत अधिसूचित)
नरेला और द्वारका के लिए वर्ष 1997-98 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 362 (अ) और 363 (अ) दिनांक 6 मई,1999 के तहत अधिसूचित)
नरेला के लिए वर्ष 1996-97 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 133(अ) दिनांक 27 फरवरी, 1998 के तहत अधिसूचित)
द्वारका के लिए वर्ष 1994-95 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 296(अ) दिनांक 28 मार्च, 1995 के तहत अधिसूचित)
नरेला के लिए वर्ष 1994-95 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 297(अ) दिनांक 28 मार्च, 1995 के तहत अधिसूचित)
रोहिणी चरण-IIIके लिए वर्ष 1994-95 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 298(अ) दिनांक 28 मार्च, 1995 के तहत अधिसूचित)
नरेला और रोहिणी चरण- IIIमें वैकल्पिक भू-खंडों के आबंटन हेतु वर्ष 1992-93 हेतु पूर्व-निर्धारित दरें (सा.का.नि. 712(अ) दिनांक 30 अक्तूबर, 1995 के तहत अधिसूचित)
लुटियन के बंगला जोन (एलबीजेड) दिशानिर्देश
1988 में जारी एलबीजैड दिशानिर्देश, वर्ष 2003 में सीमा का नियतन और एलबीजैड के बारे में स्पष्टीकरण इस प्रकार हैः
एलबीजैड दिशानिर्देश दिनांक 8 फरवरी,1988
स्पष्टीकरण दिनांक 7 दिसम्बर,1992 (एलबीजैड से दो क्षेत्रों को छोड़कर)
सप्ष्टीकरण दिनांक 30 अगस्त,2006 (एक रिक्त भूखंड के लिए विकास नियंत्रण मानदंड)
वर्ष 2015 में डीयूएसी ने मंत्रालय को प्रस्तुत अपनी प्रारूप रिपोर्ट में एलबीजैड सीमा और विकास संबधी दिशानिर्देशों के बारे में कुछ सिफारिशें की 1 अगस्त,2015 में मंत्रालय और डीयूएसी ने जनता से रिपोर्ट के बारे में सुझाव/आपत्तियां आमंत्रित की।
दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के नियमतीकरण के लिए विनियम
दिल्ली में निजी और सार्वजनिक भूमि पर उन अनधिकृत कॉलोनियों को अनधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण के लिए विनियमों को सा.का.नि. 683(अ) दिनांक 24 मार्च,2008 के तहत अधिसूचित किया गया। इन विनियमों के पैरा 7.3 के अनुसार नियमितीकरण में तालमेल तथा दिल्ली सरकार द्वारा पर्यवेक्षित किया जाएगा।
विनियमों में बाद के संशोधन निम्नानुसार हैः
दिनांक 16 जून,2008 के का.आ. 1452(ई) के तहत अधिसूचित संशोधन
दिनांक 6 जून,2002 के का.आ. 1297(ई) के तहत अधिसूचित संशोधन
दिनांक 1 जनवरी,2015 के का.आ. 21(ई) के तहत अधिसूचित संशोधन
दिल्ली से संबंधित मुद्दों पर विभिन्न समितियों की रिपोर्टों का लेखागार
डीडीए और सीजीएचएस फ्लैटों में परिवर्तन/परिवर्धन के मुद्दों संबंधी डोगरा समिति की रिपोर्ट (जनवरी,2007)
लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा संबंधी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट (जनवरी 2007)
समाज के सम्पन्न वर्गों द्वारा बसे हुए अवैध फार्म हाऊस और अवैध कॉलोनीयों के मुद्दे संबंधी के.के. माथुर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट।
अवैध निर्माण और परिसरों के दुरूपयोग के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों की तेजेन्द्र खन्ना समिति की रिपोर्ट (मई,2006)
विविध
शादीपुर में कठपुतली कॉलोनी जेजे कॉलोनी का पुनर्स्थापन/पुनर्विकास के अंतर्गत फ्लैटों आदि की लागत के प्रति लाभार्थी अंशदान के संबंध में डीडीए को आदेश (दिनांक 12/02/2016 के सं. 190 11/01/2016 – डीडी4)
डीडीए की पुरानी स्कीम ब्रांच के तहत 23 नजूल एस्टेटों में पट्टा शर्तों के नवीकरण के लिए नीति।
पाँच गांवों के चूल्हा कर आदाताओं के लिए स्वामित्व अधिकार को अनुमति देना (दिनांक 17/12/2014 के सं. के – 20013/10/2008- डीडीV ए(खंड-I)
दिनांक 01.01.2013 से 31.12.2015 तक विभिन्न उद्देश्यों के लिए डीडीए द्वारा आबंटित भूमि का ब्यौरा दिनांक 25.02.2016 को राज्य सभा अतारांकित प्रश्न सं. 295 के उत्तर में उल्लिखित