सभी राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं संघ शासित क्षेत्र चण्डीगड़ क्रमश: शहरी जनसंख्या के 97.5 प्रतिशत एवं 97.25 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक शहरीकृत हैं, तदुपरान्त दमन एवं द्वीव (75.2) एवं पुदुचेरी (68.3 प्रतिशत) है ।
राज्यों में, गोवा अब 62.2 प्रतिशत शहरी जनसंख्या के साथ सबसे अधिक शहरीकृत राज्य हैं, जो 2001 से एक महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी है जब गोवा की शहरी जनसंख्या 49.8 प्रतिशत थी । अन्य द्रुत शहरीकरण का महत्वपूर्ण दृष्टान्त केरल है, इसकी शहरी जनसंख्या अब 47.7 प्रतिशत है, जबकि एक दशक पहले जो केवल 25.9 प्रतिशत ही थी । पूर्वोत्तर राज्यों में, मिजोरम 51.5 प्रतिशत की शहरी जनसंख्या के साथ सबसे अधिक शहरीकृत है, यद्यपि देश में कुल शहरी जनसंख्या के परिशुद्ध योगदान में, मिजोरम का योगदान केवल 0.1 प्रतिशत है । उसी प्रकार से सिक्किम, जो एक दशक पूर्व केवल 11.0 शहरीकृत था अब 2011 में लगभग 25 प्रतिशत शहरीकृत है । मुख्य राज्यों में, तमिलनाडु लगातार सबसे अधिक शहरीकृत राज्य है जिसकी 48.4 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रह रही है तत्पश्चात केरल (47.7 प्रतिशत) उसके नीचे महाराष्ट्र (45.2 प्रतिशत) का नम्बर आता है ।
हिमाचल प्रदेश में लगातार शहरी जनसंख्या का अनुपात 10.0 प्रतिशत के साथ सबसे कम है तत्पश्चात 11.3 प्रतिशत के साथ बिहार, असम (14.1 प्रतिशत) एवं उडि़सा (16.7 प्रतिशत है) ।
शहरी क्षेत्रों में रह रहे व्यक्तियों की परिशुद्ध संख्या के अनुसार, महाराष्ट्र लगातार 50.8 मिलियन व्यक्तियों से आगे चल रहा है जिसमें देश की कुल शहरी जनसंख्या का 13.5 प्रतिशत समाविष्ट है । उत्तर प्रदेश में लगभग 44.4 मिलियन; तदुपरान्त तमिलनाडु में 34.9 मिलियन है ।