(1) मिशन दस्तावेज प्रचालनात्मक दिशा-निर्देश ![]() (2) सामाजिक जुटाव और संस्थागत विकास (एसएम एंड आईडी): ![]() एनयूएलएम में शहरी गरीबों के सार्वभौमिक जुटाव को स्वयं सेवी समूहों (एसएचजी) और उन्हें परिसंघों में संगठित करने की परिकल्पना की गई है । प्रत्येक शहरी गरीब परिवार से कम से कम एक सदस्य, अधिमानत: महिला, को एक समयबद्ध तरीके से स्वयं सेवी समूह तंत्र में लाया जाना चाहिए । ये समूह गरीबों के लिए सहायक प्रणाली के रूप में कार्य करेंगे ताकि उनकी वित्तीय और समाजिक जरूरतों को पूरा किया जा सके । मिशन शहरों में (शहरी आजीविका केन्द्रों (सीएलसी) की स्थापना की जायेगी जो एक ऐसा मंच प्रदान करेंगे जहां शहरी गरीब अपनी सेवाओं का विपणन कर सकेंगे और स्व-रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य लाभों तक पहुंच पा सकेंगे । (3) क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (सीबीएंडटी): ![]() एनयूएलएम का मुख्य उदृदेश्य आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय व शहरी गरीबी उपशमन की प्रभारी राज्य एजेंसियों की भूमिका को शहरी आजीविका संवर्धन और शहरी गरीबी उपशमन के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की तकनीकी सहायता उपलबध कराने में परिवर्तित करना है। एनयूएलएम विभिन्न स्तरों पर एनयूएलएम के कार्यान्वयन में उच्च गुणवत्ता की तकनीकी सहायता के साथ एक समर्पित कार्यान्वयन ढांचा स्थापित करेगा । लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में अनुवीक्षण, मूल्यांकन, सामाजिक लेखापरीक्षा और क्षमता निर्माण आदि के लिए मिशन के कार्यान्वयन को सुदृढ करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा । (4) कौशल प्रशिक्षण और तैनाती के द्वारा रोजगार (ईएसटीएंडपी): ![]() एनयूएलएम के अंतर्गत ईएसटीएंडपी संघटक को इस प्रकार तैयार किया गया है कि वह अकुशल शहरी गरीबों को कौशल प्रदान करने के साथ-साथ उनके वर्तमान कौशल को उन्नत करेगा। यह कार्यक्रम शहरी गरीबों को कौशल प्रशिक्षण देगा ताकि वे स्वरोजगार उद्यम स्थापित कर सकें अथवा वेतन युक्त रोज़गार प्राप्त कर सकें । इस कार्यक्रम का उदृदेश्य बाजार द्वारा अपेक्षित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर मांग और स्थानीय कौशलों के बीच के अंतर को पाटने का है । (5) स्व-रोजगार कार्यक्रम (एसईपी): ![]() इस घटक में शहरी गरीबों के व्यक्तिगत/समूहों को उनके कौशल प्रशिक्षण, रूझान और स्थानीय स्थिति के अनुकूल लाभकारी स्व-रोगजार उद्यमों/सूक्ष्म उद्यमों को स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है । यह सहायता व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना और समूह उद्यमों की स्थापना हेतु बैंक ऋणों पर ब्याज सहायता के रूप में होगी । (6) शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता (एसयूएमवी): ![]() इस घटक का उदृदेश्य पथ विक्रेताओं को कौशल प्रदान करना, सूक्ष्म-उद्यम विकास में सहायता, ऋण योग्यता और विक्रेता-अनुकूल शहरी योजना के साथ महिला, अ.जा/अ.ज.जा. और अल्पसंख्यक जेसे असुरक्षित वर्गों को सामाजिक सुरक्षा विकल्प उपलबध कराना भी है । एनयूएलएम के कुल बजट में से 5% धनराशि इस संघटक पर खर्च की जा सकती है जिसमें विक्रय-अनुकूल शहरी आयोजना, विक्रेता बाजारों का विकास, विक्रेताओं की ऋण लेने की क्षमता, पथ-विक्रेताओं का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, कौशल विकास और सूक्ष्म उद्यम विकास तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामाजिक सहायता के साथ समाभिरूपता शामिल है । (7) शहरी बेघरों के लिए आश्रय स्कीम (एसयूएच): ![]() एसयूएच का उदृदेश्य शहरी बेघरों के लिए स्थायी आश्रय और सभी अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है । शहरी बेघरों के लिए हर मौसम के लिए 24x7 का स्थायी आश्रय होगा । प्रत्येक एक लाख शहरी जनसंख्या पर न्यूनतम एक सौ व्यक्तियों के लिए स्थायी सामुदायिक आश्रय बनाये जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए । स्थानीय स्थितियों के आधार पर आश्रय 50 अथवा अधिक व्यक्तियों के लिए भी हो सकता है । (8) अभिनव और विशेष परियोजनाएं: ![]() इस संघटक का संकेन्द्रण अभिनव परियोजनाओं के रूप में नए पहल प्रयासों को बढावा देने पर होगा । ये पहलें अग्रगामी प्रयासों के रूप में हो सकती हैं जिनका उदृदेश्य सार्वजनिक-निजी-सामुदायिक भागीदारी (पी-पी-सी-पी) के माध्यम से शहरी आजीविका को उत्प्रेरक सुस्थिर अभिगम, आशाजनक प्रणाली का प्रदर्शन अथवा आरोह्य पहलों के माध्यम से शहरी गरीबी की स्थिति पर एक भिन्न प्रभाव छोड़ने का है । संशोधन: ![]() |