एनबीसीसी (भारत) लिमिटेड जिसको पहले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड के रूप में जाना जाता था, शहरी विकास मंत्रालय के अधीन पयप्ति रूप से विश्वसनीय भारत सरकार का एक नवरत्न उद्यम है। दोनों स्टाक एक्सचेंजों के साथ सूचीबद्ध है। इस कंपनी का विशिष्ट क्षेत्र व्यवसाय मॉडल कम्पनी के रूप में बना दिया है जिसके पास मार्च,2016 तक 36000 करोड़ से अधिक भारतीय रूपए के ऑर्डर बुक है और परियोजना के लिए प्रबंधन और परामर्शी भारतीय मानक ब्यूरो से आईएसओ 9001:2008 से प्रमाणित है कंपनी प्रचालनों के वर्तमान क्षेत्रों को तीन मुख्य खंडों में श्रेणीबद्ध है अर्थात् (i) परियोजना प्रबंधन परामर्शी (पीएमसी), (ii) भू-संपदा विकास एवं , (iii) ईपीसी अनुबंध
एनबीसीसी एक पीएमसी के रूप में कई लैंडमार्क परियोजाएं निष्पादित कर रहा है। ये परियोजनाएं इसकी वार्षिक आय में लगभग 85%आय का योगदान देती हैं। कम्पनी की कोर शक्ति के खंड होने के नाते इसके छत्र के अंतर्गत कवर किए जाने वाले क्षेत्रों में सड़कें, अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय, संस्थाएं, कार्यालय हवाई अड्डे, पुल, औद्योगिक और पर्यावरणिक अवसंरचनाएं इत्यादि शामिल हैं।
इस कम्पनी के वर्तमान भू-संपदा व्यवसाय को सुस्पष्ट रूप से परियोजनाओं के मूल के स्रोत के आधार पर दो श्रेणियों में पड़ने वाले व्यवसाय के रूप में देखा जा सकता है, अर्थात् पहली श्रेणी में आन्तरिक रूप से प्रवृत्ति और अवधारित परियोजनाएं हैं जिनमें कम्पनी निजी और सरकारी एजेंसियों जैसी एजेंसियों से भूमि खरीदती है, भूमि को विकसित करती है और उसको बेच देती है, जबकि अन्य श्रेणी में सरकार से प्राप्त होने वाली परियोजनाएं आती है जिनमें एनबीसीसी सरकारी सम्पत्तियों को उस मॉडल अर्थात् स्व सम्पोषणीय और इनमें सरकार का कोई निधिकरण नहीं मांगा जाता है, पर सरकारी सम्पत्तियों का पुनर्विकास करती है।
एनबीसीसी अवस्थापना खंड में भी प्रचालन कर रही है जिसको ईपीसी कहा जाता है, जिसमें यह चिमनियों, कूलिंग टॉनर्रों और विभिन्न प्रकार के विद्युत संयंत्रों के निर्माण-कार्यों जैसी परियोजनाओं को निष्पादित कर रही है।
हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड:
हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ( हडको ) की स्थापना 25 अप्रैल , 1970 को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले उद्यम के रूप में की गई थी । इसे सामाजिक न्याय के साथ लाभप्रदता के सामाजिक आदर्श वाक्य के साथ स्थापित किया गया था और यह अन - सेवित की सेवा कर रहा है और इस प्रकार देश में आवास विभाजन को पाट रहा है । हडको देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( ईडब्ल्यूएस ) और कम आय वाले समूहों ( एलआईजी ) की आवास जरूरतों को पूरा करने पर विशेष जोर देकर देश में आवास और बुनियादी ढांचे के विकास की सुविधा प्रदान कर रहा है । हडको ग्रामीण आवास के लिए ऋण देकर ग्रामीण आवास की कमी को भी दूर करता है ।
हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल)
हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल), एक लाभ कमाने वाले और आईएसओ 9001:2008 कंपनी, के रुप में आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीपीएसई) है। यह हमारे विचारवान प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू की सोच का परिणाम है जिसका प्रमुख उद्देश्य पाकिस्तान से विस्थापित होकर आये लोगों को प्रीफैब आवास उपलब्ध करवाना था। एचपीएल इसके पूर्व के अवतार में हिंदुस्तान हाउसिंग फैक्ट्री लिमि. (एचएचएफ) के तौर पर भारत सरकार द्वारा विभाग के तौर पर 1948 में स्थापित की गई थी और 1955 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के तौर पर अस्तित्व में आई। इसका नाम 1978 में हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल) कर दिया गया। एचपीएल का कार्पोरेट कार्यालय जंगपुरा, नई दिल्ली में है और अपने पांच क्षेत्रीय कार्यालयों, तीन उप क्षेत्रीय कार्यालयों और किलीनोची (श्रीलंका) में एक समुद्रपारीय कार्यालय के साथ सत्रह राज्यों में इसका प्रचालन है। एचपीएल, परियोजना को अवधारणा से पूरा करने तक टर्नकी आधार पर संचालित करता है और गुणवत्ता तथा समय पर पूर्णता सुनिश्चित करता है। एचपीएल को सौंपे गये कार्य प्रीफैब/आंशिक प्रीफैब/परंपरागत प्रौद्योगिकी और फास्ट ट्रैक टेक्नोलाजियों के इस्तेमाल से निष्पादित किये जाते हैं।
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