भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 राज्य सभा द्वारा दिनांक 10 मार्च, 2016 को और लोक सभा द्वारा दिनांक 15 मार्च, 2016 को पारित किया गया था। संसद द्वारा पारित इस विधेयक को दिनांक 25 मार्च, 2016 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई।
धारा 2, धाराएं 20-39, धाराएं 41-58, धाराएं 71-78 और धाराएं 81-92 दिनांक1 मई, 2016से लागू करने के लिए अधिसूचित की गई।
धाराएं 3 से 19, धारा 40, धाराएं 59 से 70, धाराएं 79 से 80 दिनांक1 मई, 2017से लागू करने के लिए अधिसूचित की गई।
इस युगांतकारी विधान भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) से भारतीय भू-संपदा क्षेत्र में एक नई शुरूआत हुई हैं और यह बृहत्तर पारदर्शिता, नागरिक केंद्रीयता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देकर भारत के भू संपदा क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में एक कदम है।
इस परिवर्तनकारी विधान का मुख्य उद्देश्य प्रभावशाली तथा पारदर्शी तरीके से भू-संपदा क्षेत्र का विनियमन और विकास सुनिश्चित करना तथा घर खरीददारों के हितों की रक्षा करना है।
भू-संपदा अधिनियम में यह व्यवस्था है कि प्रत्येक राज्य और संघ राज्य क्षेत्र अपना स्वयं का विनियामक बनाए तथा विनियामक के कार्यकरण को शासित करने के लिए नियम बनाए।
भू-संपदा परियोजनाओं को, राज्य भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के साथ पंजीकरण कराए जाने की आवश्यकता है। प्रवर्तक पंजीकरण कराये बिना इन परियोजनाओं को बिक्री के लिए प्रस्तुत नहीं कर सकते। इन परियोजनाओं को देखने वाले भू-संपदा अभिकर्ताओं को भू-संपदा विनियामक प्राधिकरणों के साथ पंजीकरण कराये जाने की आवश्यकता है।
घर खरीददारों से एकत्र 70% धनराशि उस परियोजना के निर्माण हेतु पृथक बैंक खाते में जमा कराई जानी चाहिए और आहरण वास्तुकारों, चार्टर्ड एकाउंटेंट और परियोजना अभियंताओं द्वारा सत्यापित किए जाना चाहिए।
उपभोक्ताओं के लिए भू-सपंदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016के अंतर्गत लाभ
रेरा इसके नियमों सहित परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करेगा। यह माननीय प्रधानमंत्री जी के सबके लिए आवास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता कर रहा है। यह निधियों के अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग को रोकता है और खरीददारों के हितों की रक्षा करता है।
यह अधिनियम काले धन का समापन करता है। यह प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाता है- परियोजना संबंधी सूचना उपलब्ध कराएगा - खरीददारों के लिए सूचित पसंद को बढ़ावा देगा - बिक्री के लिए फर्श क्षेत्र का प्रकटीकरण अनुचित व्यापार प्रथाओं को समाप्त करेगा।
विक्रय करार नियम ने एक तरफा करारों और क्षेत्र में खरीददारों के शोषण को समाप्त कर दिया है।
देश भर में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरणों के माध्यम से त्वरित निवारण विवाद निपटान प्रणाली।
चूक अथवा विलंब की स्थितियों में संप्रवर्तको तथा खरीददारों द्वारा भुगतान की जाने वाली समान ब्याज दर का प्रावधान जिनके परिणामस्वरूप प्रचालनों में एकरूपता आएगी।
विकासकों को भू संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016के अधीन होने वाले लाभ
यह अधिनयम क्षेत्र से जालसाज विकासकों को हटाकर सही विकासकों को बढ़ावा देता है। यह क्षेत्र को परिपक्व और पारदर्शी बनाकर विश्वसनीयता को बढ़ावा देता है।
यह क्षेत्र में निवेश का सुचारु रूप से प्रवाहन करता है।
अधिनियम/नियम उपभोक्ताओं की निवेश भावना को बहाल करते हैं।
विनियामक तंत्र भू-संपदा क्षेत्र में वित्तीय संस्थानों के विश्वास को बढ़ाएगा।
अधिनियम का उचित विनियामक तंत्र भू-संपदा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफडीआई, ईसीबी) बढ़ाएगा।