अन्तर्राष्ट्रीय संबंध
आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय मानवीय पुनर्वास के लिये संयुक्त राष्ट््र मिशन और आवास तथा मानवीय पुनर्वास के क्षेत्र में अंतर्राष्ट््रीय सहयोग और तकनीकी सहायता सहित विशेष रूप से मानवीय पुनर्वासों के क्षेत्र में आवास तथा शहरी विकास से संबंधित अन्तर्राष्ट्रीय गतिविधियों से जुड़े कार्यों की देखरेख करता है। आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय को आबंटित कार्यों के अधीन निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां आती हैंः:
मंत्रालय यूएन-हैबिटेट की वार्षिक सदस्यता शुल्क देता है और विभिन्न विभिन्न संगोष्ठियों में और विभिन्न अवसरों पर जैसे कि यू एन हैबिटेट के द्विवार्षिक महा सम्मेलन, विश्व हैबिटेट दवस आद में भाग लेता है। मंत्रालय संयुक्त राष्ट््र द्वारा यथा निर्धारित हर वर्ष अक्तूबर में पहले सोमवार को विश्व हैबिटेट दवस आयोजित करता है। इसकी याद में अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और प्रकाशन जारी किये जाते हैं और बेहतर मानवता के भविष्य के लिये सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को दोहराया जाता है। मंत्रालय दूसरी संयुक्त राष्ट् संस्थाओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में भी विचारविमर्श करता है. (अधिकारी जानकारी के लिये देखें : www.unhabitat.org ).
आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय 2004 से राष्ट्मण्डल स्थानीय सरकार फ़ोरम (सीएलजीएफ) का सदस्य है और माननीय मंत्री (आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन) सीएलजीएफ बोर्ड के सदस्य हैं। मंत्रालय भारत में स्थानीय अभिशासन को मज़बूत करने और विक्रेंदीकरण तथा अच्छे व्यवहार योजना सहित इसकी विभिन्न गतिविधियों में शामिल होता है। अधिक जानकारी के लिये देखेंः(Website of www.clgf.org.uk).
भारत ने यून-हैबिटेट के साथ मिलकर आवास एवं शहरी विकास पर दसंबर 2006 में पहले एशिया प्रशांत मंत्री सम्मेलन के आयोजन की पहल की थी। इसके परिणामस्वरूप ‘आवास एवं शहरी विकास पर एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन‘ का सृजन हुआ जिसके उद्देश्यों का उल्लेख ‘‘दल्ली घोषणा‘‘ में किया गया है जिसका एशिया प्रशांत क्षेत्र से सम्मेलन में शामिल देशों ने आम सहमति से अनुमोदन किया। इस अंतर-सरकारी संस्थान का प्रमुख उद्देश्य सहयोगात्मक कदमों के जरिये एशिया प्रशांत क्षेत्र में सतत आवास एवं शहरी विकास को प्रोत्साहन देना है।
एपीएमसीएचसूडी में दो संगठन शामिल हैंः ब्यूरो और सचिवालय। एपीएमसीएचयूडी का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन द्विवार्षिक कार्यक्रम है। सम्मेलन ब्यूरो का चुनाव करता है जो संस्था के कामकाज को शासित करता है और सम्मेलन के फैसलों का कार्यान्वयन करता है। ब्यूरो वर्ष मंे लगभग दो बार नियमित बैठकें करता है। ब्यूरो के सहयोग के लिये सचिवालय है जिसकी नई दल्ली में स्थापना की गई है। एपीएमसीएचसूडी सचिवालय का प्रमुख मुख्य समन्वयकर्ता होता है। इस जिम्मेदारी का निर्वहन संयुक्त सचिव (आवास), आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय करता है। अधिक विवरण एपीएमसीएचयूडी की वेबसाइट (http://www.apmchud.com/) पर देखा जा सकता है।
आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने और परस्पर हित के कई क्षेत्रों में आदान प्रदान के लिये भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के बीच त्रिपक्षीय समझौता है। जुलाई 2007 में दल्ली में आयोजित आईबीएसए वार्ता फ़ोरम के द्विपक्षीय आयोग की चैथी बैठक में आईबीएसए साझेदारों के लिये सहयोग के क्षेत्र के तौर पर मानवीय पुनर्वास विकास की पहचान की गई थी।
मानव पुनर्वास पर एक कार्य दल (डब्ल्यूजीएचएस) की स्थापना की गई थी और इसके बाद अक्तूबर 2008 में तीसरे इबसा शिखर सम्मेलन में मानव पुनर्वास विकास के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। अधिक विवरण इबसा वेबसाइट: (http://www.ibsa-trilateral.org/ ) पर उपलब्ध है।
अफ्रीका-भारत मंच सम्मेलन का उद्देश्य दो साझेदारों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं विकास, सामाजिक विकास और क्षमता निर्माण, पर्यटन, बुनियादी ढाचें, ऊर्जा और पर्यावरण तथा मीडिया और संचार के क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने के तौर तरीकों पर विचार करना है। भारत अफ्रीका मंच में भारत के अलावा केन्या, मोरिटानिया, कांगो गणराज्य, टोगो जाम्बिया हैं। भारत-अफ्रीका मंच सम्मेलन अफ्रीका-भारत संबंधों के लिये एक आधिकारिक मंच है। पहली बार यह नई दल्ली, भारत में आयोजित किया गया और दूसरी बार 2011 में अदस अबाबा में आयोजित किया गया।
विश्व शहरी मंच संयुक्त राष्ट् द्वारा आयोजित शहरी मुद्दों के लिये समर्पित एक अंतर्राष्ट््रीय मंच है। अब तक 7 डब्ल्यूयूएफ आयोजित किये जा चुके हैं। मंत्रालय डब्ल्यूयूएफ में नियमित रूप से भाग लेता है।
ऊपर वर्णित प्रमुख गतिविधियों के अलावा, मंत्रालय विभिन्न अन्य अन्तर्राष्ट्रीय गतिविधियों में संलग्न है, जैसे कि विदेश से प्रतिनिधिमण्डलों के दौरों का आयोजन करना, मानव पुनर्वास के संबंध में द्विपक्षी समझौते, जैसे कि ईरान, चीन और अन्य के साथ द्विपक्षीय, बहुपक्षीय समझौते और आवास तथा मानव पुनर्वास के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग तथा तकनीकी सहायता।