भारतीय राष्ट्रीय सहकारी आवास संघ (एनसीएचएफआई) देश में संपूर्ण सहकारी आवास आंदोलन का एक सर्वोच्च संगठन है। यह वर्ष 1969 में इसके अस्तित्व में आने के बाद से आवास सहकारिता गतिविधियों को प्रोत्साहन, विकास और समन्वय में संलग्न है। वर्ष 1969-70 में जब एनसीएचएफ अस्तित्व में आया, देश में 11.1 लाख की सदस्यता के साथ केवल 16308 प्राथमिक आवास सहकारिताएं थीं। ज़मीनी स्तर पर अब 70 लाख से अधिक की सदस्यता के साथ करीब 100,000 प्राथमिक आवास सहकारिताएं हैं। ये प्राथमिक आवास सहकारिताएं राज्य स्तर पर 26 प्रमुख सहकारी आवा संघों से समर्थित हैं, जो कि एनसीएचएफ से संबद्ध हैं। 31 मार्च, 2012 को इन प्रमुख संघों ने एलआईसी, एनएचबी, हुडको, सहकारी बैंकों आदि जैसे वित्तपोषण संस्थानों से करीब 10555 करोड़ की राशि के ऋण प्राप्त किये हैं और इसके बदले रू 11571 करोड़ अपने प्राथमिक और व्यक्तिगत तौर पर सदस्यों को 24.14 आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिये वितरित किये हैं। एनसीएचएफ के हाल के अध्ययन में यह तथ्य स्थापित किया गया है कि देश में सार्वजनिक, निजी और सहकारी क्षेत्र में सभी प्रकार के संस्थानों द्वारा निर्मित प्रत्येक 100 आवासों में से 11 को आवास सहकारिताओं से सुविधा प्राप्त हुई है।