राजीव आवास योजना (आरएवाई) में समावेशी और साम्यिक शहरों से युक्त ‘‘झुग्गी मुक्त भारत‘‘ की परिकल्पना की गई है जिसमें प्रत्येक नागरिक को बुनियादी नागरिक अवसंरचना और सामाजिक सुविधाओं तथा उचित आश्रय उपलब्ध हो।
मिशन
निम्नलिखित पर फोकस करते हुए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को एक निश्चित ढंग से झुग्गियों की समस्या से निपटने के लिये प्रोत्साहित करनाः
1. सभी मौजूदा झुग्गियों, अधिसूचित अथवा ग़ैर अधिसूचित (मान्यता प्राप्त और पहचान की गईं सहित), को औपचारिक व्यवस्था के अधीन लाना और
उनके लिये बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करना जो कि शेष शहर/शहरी क्षेत्र के लिये उपलब्ध हैंय
2. शहरी ग़रीबों के लिये कि़फायती आवास स्टाॅक के लिये योजनाएं बनाकर झुग्गियों के सृजन के पीछे मौजूद औपचारिक प्रणाली की विफलताओं का
निवारण और इसमें सुविधा के लिये अपेक्षित निर्णायक नीतिगत बदलाव करना।
उद्देश्यरू
1. झुग्गियों में आवास, बुनियादी अवसंरचना और सामाजिक सुविधाओं में सुधार और प्रावधान करना।
2. झुग्गियों के सृजन के लिये जिम्मेदार कुछेक कारणों के हल के लिये सुधार करना।
3. शहरी ग़रीबों के लिये सांस्थानिक ऋण संपर्क के विस्तार के लिये अनुकूल वातावरण की सुविधा प्रदान करना।
4. कि़फायती आवास स्टाॅक के सृजन सहित झुग्गियों की रोकथाम के लिये संस्थागत तंत्र की स्थापना करना।
5. नगर, शहर और राज्य स्तरों पर समग्र क्षमता निर्माण और संसाधन नेटवर्कों के सुदृढ़ीकरण के जरिये सांस्थानिक और मानव संसाधन
क्षमताओं को मज़बूत करना।
6. झुग्गीवासियों की एसोसिएशन/संघ का सुदृढ़ीकरण और पोषण के जरिये प्रत्येक चरण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करके
समुदाय का सशक्तिकरण
राजीव आवास योजना को एक मिशन रूप में कार्यान्वित किया जाना है और राज्यों/संघ शासित प्रदेशों/शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबीज), यहां इसके बाद कार्यान्वयन एजेंसियों के तौर पर पुकारा जायेगा, को आवास एवं प्रत्येक झुग्गी बस्ती में बुनियादी नागरिक अवसंरचना और सामाजिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। योजना के अधीन किराया और पारगमन आवास देय होगा। इस योजना के अधीन सृजित संपत्तियों का प्रचालन और अनुरक्षण करना भी वित्तपोषण के लिये पात्र होगा।
राजीव आवास योजना राज्यों को भी योजना के घटक के तौर पर साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) के अधीन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये किफायती आवास स्टाॅक के सृजन हेतु राज्यों को भी वित्तीय सहायता का विस्तार करेगी।
योजना शहर के भीतर सभी झुग्गी बस्तियों के लिये लागू है, चाहे अधिसूचित हैं अथवा ग़ैर-अधिसूचित (पहचान की गईं और मान्यता-प्राप्त), चाहे केंद्रीय सरकार अथवा संसद के अधिनियम के अधीन सृजित इसकेे उपक्रमों, स्वायत्त संस्थाओं, राज्य सरकार अथवा इनके उपक्रमों, शहरी स्थानीय निकायों अथवा किसी अन्य सार्वजनिक एजेंसी और निजी क्षेत्र से संबंधित भूमि पर स्थित हैं। यह ‘‘शहर के योजना क्षेत्र के भीतर स्थित ‘‘शहरीकृत गांवों‘‘, शहरी बेघर और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के लिये भी लागू है।
साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी)
सरकार ने निवारक रणनीति के हिस्से के रूप में किफायती आवास स्टॉक बढ़ाने के लिए 03.09.2013 को राजीव आवास योजना (आरएवाई) के हिस्से के रूप में साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) की योजना को भी मंजूरी दे दी है। रुपये की दर से केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। 75,000 प्रति आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) / निम्न आय समूह (एलआईजी) 21 से 40 वर्गमीटर के आकार की आवासीय इकाइयां (डीयू)। निजी भागीदारी सहित विभिन्न प्रकार की साझेदारियों के तहत शुरू की गई किफायती आवास परियोजनाओं में। योजना के तहत न्यूनतम 250 आवासीय इकाइयों का एक परियोजना आकार वित्त पोषण के लिए पात्र है। परियोजना में डीयू ईडब्ल्यूएस/एलआईजी-ए/एलआईजी-बी/उच्च श्रेणी/वाणिज्यिक का मिश्रण हो सकते हैं, जिनमें से कम से कम 60 प्रतिशत एफएआर/एफएसआई का उपयोग 60 वर्ग मीटर से अधिक के कालीन क्षेत्र की आवासीय इकाइयों के लिए किया जाता है।
एएचपी योजना के तहत, 24141 डीयू के निर्माण के लिए 3 राज्यों (कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान) से कुल 21 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 44.19 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। 4,968 डीयू का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसमें से 2,432 डीयू पर कब्जा कर लिया गया है। 15,504 डीयू का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
सरकार ने निवारक रणनीति के हिस्से के रूप में किफायती आवास स्टॉक बढ़ाने के लिए 03.09.2013 को राजीव आवास योजना (आरएवाई) के हिस्से के रूप में साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) की योजना को भी मंजूरी दे दी है। रुपये की दर से केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। 75,000 प्रति आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) / निम्न आय समूह (एलआईजी) 21 से 40 वर्गमीटर के आकार की आवासीय इकाइयां (डीयू)। निजी भागीदारी सहित विभिन्न प्रकार की साझेदारियों के तहत शुरू की गई किफायती आवास परियोजनाओं में। योजना के तहत न्यूनतम 250 आवासीय इकाइयों का एक परियोजना आकार वित्त पोषण के लिए पात्र है। परियोजना में डीयू ईडब्ल्यूएस/एलआईजी-ए/एलआईजी-बी/उच्च श्रेणी/वाणिज्यिक का मिश्रण हो सकते हैं, जिनमें से कम से कम 60 प्रतिशत एफएआर/एफएसआई का उपयोग 60 वर्ग मीटर से अधिक के कालीन क्षेत्र की आवासीय इकाइयों के लिए किया जाता है।